TOP GUIDELINES OF BAGLAMUKHI SHABHAR MANTRA

Top Guidelines Of baglamukhi shabhar mantra

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शमशान में अगर प्रयोग करना है तब गुरू मत्रं प्रथम व रकछा मत्रं तथा गूड़सठ विद्या होने पर गूड़सठ क्रम से ही प्रयोग करने पर शत्रू व समस्त शत्रुओं को घोर कष्ट का सामना करना पड़ता है यह प्रयोग शत्रुओं को नष्ट करने वाली प्रक्रिया है यह क्रिया गुरू दिक्षा के पश्चात करें व गुरू क्रम से करने पर ही विशेष फलदायी है साघक को बिना छती पहुँचाये सफल होती है।

ॐ ह्रीं बगलामुखि! जगद्वशंकरी! मां बगले प्रसीद-प्रसीद मम सर्व मनोरथान पूरय-पूरय ह्रीं ॐ स्वाहा।

ॐ सौ सौ सुता समुन्दर टापू, टापू में थापा, सिंहासन पीला, सिंहासन पीले ऊपर कौन बैसे? सिंहासन पीला ऊपर बगलामुखी बैसे। बगलामुखी के कौन संगी, कौन साथी? कच्ची बच्ची काक कुतिआ स्वान चिड़िया। ॐ बगला बाला हाथ मुदगर मार, शत्रु-हृदय पर स्वार, तिसकी जिह्ना खिच्चै। बगलामुखी मरणी-करणी, उच्चाटन धरणी , अनन्त कोटि सिद्धों ने मानी। ॐ बगलामुखीरमे ब्रह्माणी भण्डे, चन्द्रसूर फिरे खण्डे-खण्डे, बाला बगलामुखी नमो नमस्कार।

Gains: Chanting the Shabar Kali mantra can assist build a deep reference to the goddess and faucet into the strength of feminine Power for balance and spiritual awakening. It is also thought that can help prevail over panic, get rid of road blocks, and purify the thoughts.

अमुक (अपना नाम दें) दास को तुरत उबारो, बैरी का बल छिन लो सारो, निर्दयी दुष्टों को तुम्हीं संघारो,

Shabar mantras can be a method of recitation located click here in the Indian mystical custom of tantra. These mantras are thought to generally be potent and successful in obtaining precise reasons when chanted with devotion and sincerity. Here are a few of different and significant varieties of Shabar mantras:

योषिदाकर्षणे शक्तां, फुल्ल-चम्पक-सन्निभाम् ।

As an example, in the case of any court docket Listening to or for the ones appearing for competitive examinations and debates, and so on. Baglamukhi Mantra also assists in warding off evil spirits and the evil eye.

भगवती बगला के अनेक ‘ ध्यान’ मिलते हैं। ‘तन्त्रों’ में विशेष कार्यों के लिए विशेष प्रकार के ‘ध्यानों’ का वर्णन हुआ है। यहाँ कुछ ध्यानों का एक संग्रह दिया जा रहा है। आशा है कि बगलोपासकों के लिए यह संग्रह विशेष उपयोगी सिद्ध होगा, वे इसे कण्ठस्थ अर्थात् याद करके विशेष अनुभूतियों को प्राप्त करेंगे। चतुर्भुजी बगला

कम्बु-कण्ठीं सु-ताम्रोष्ठीं, मद-विह्वल-चेतसाम् ।

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भ्राम्यद्-गदां कर-निपीडित-वैरि-जिह्वाम् । पीताम्बरां कनक-माल्य-वतीं नमामि ।।

यदि आपको इन मन्त्रों का प्रभाव देखना है तो निर्देशानुसार इनका साधन कर अभीष्ट की प्राप्ति करें। ये मन्त्र किस प्रमाणिक ग्रन्थ में हैं, यह कुछ स्पष्ट नहीं है। प्रमाण केवल यही है कि ये गुरुमुख से प्राप्त हैं। शेष जब आप इनकी साधना करेंगे तो प्राप्त होने वाला परिणाम ही इनकी प्रमाणिकता का साक्षी होगा।

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